नवजात शिशुओं के लिए होमियोपैथ सबसे अच्छा पैथी तो है ही मगर कई दवाये बच्चों के लिये रामवाण की तरह काम करती है । कोई साईड इफेक्ट नहीं होने से बच्चों-नवजातो के लिए होमियोपैथी की दवाएं सर्वोत्तम मणि जाती है । एन्टिम टार्ट दवा तो शिशु रोगों के लिए आक्सीजन की तरह है और मरनासन्न बच्चों के लिए यह अमृत है । यह दवा शरीर की रक्षा करने वाले तत्वों , सेलों को शीघ्र आक्सीजन पहुंचाकर उनमें सक्रिय और सबल बना देता है ।
(1) होमियोपैथी का आक्सीजन है (एन्टिम टार्ट)। पैदा हुए नवजात में यदि जीवन का कोई लक्षण मौजूद न हो, बच्चा मुर्दे जैसे हो तो तुरंत होमियोपैथी आक्सीजन ऐन्टिम टार्ट 30 का प्रयोग करें । यह दवा शरीर की रक्षा करने वाले तत्वों , सेलों को शीघ्र आक्सीजन पहुंचाकर उनमें सक्रिय और सबल बना देता है।
(2) पैदा हुए नवजात को यदि पैखाना-पेशाव बहुत देर तक होने पर-एकोनाइट नेपेलस 6/बेलाडोना 6/कैन्थरिस 6 को क्रमशः दे सकते हैं । यह बहुत कारगर है।
(3) नवजात शिशु को बदन और आंख यदि पीला पड़ जाए यानि जॉण्डीस (पीलिया)हो जाने पर -कैमोमिला 6/ चायना6/मर्कसोल 6 प्रर्याक्रम से देना चाहिए।
(4) नवजात का छाती असामान्य रूप से धड़कती है,पूरा शरीर नीला पड़ जाए तथा शरीर धीर-धीरे ठंडा पड़ता जाए इस स्थिति में -डिजिटेलिस 6/आर्सनिक एलवम 6/रसटक्स/ लैकेसिस 6 में से कोई एक दवा प्रयोग कर सकते हैं। नवजात को दांया करवट सुलाएं तथा घर को हवादार और धुंआ मुक्त रखें।
(5) नवजात शिशु को कांच का शिकायत होने पर एलो 6/पोडोफाईलम 6 तथा एसिड म्यूर 6 कोई एक दवा ले सकते हैं ठीक नहीं होने पर क्रमशः बदल सकते हैं।
(6) योनि द्वार विहीन बालिका। जीवन में पहली बार ऐसे स्थति देखने को मिली। एक महिला स्वीटजरलैंड से आई थी तथा साथ में एक साल की बच्ची ? उसने बताई कि इस बच्ची के योनि द्वार नहीं है। पेशाब द्वार और मल द्वार ठीक था। मैं चिंता में पड़ गया। मुझे याद आया कि ऐसा केस केन्ट रेपट्री में देखे थे। यह सोच कर अध्यन करने लगे और मुझे दवा मिल गया। मैंने होमियोपैथी दवा ग्रैफाइटिस CM एक खुराक दे दिया और महीना में एक बार लेने के लिए कहा।एक महीने के अंदर योनिद्वार सामनय हो गया।
कोई भी दवा होमियोपैथी चिकित्सक की सलाह से ही सेवन करें।
डॉ.लक्ष्मी नारायण सिंह, होमियोपैथी अस्पताल, फतुहा ,पटना (बिहार) – मो 9204590774